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वीगनिज़म मात्र पशुओ तथा इसके उत्पाद को नही खाना ऐसा शाकाहारी आहार ही नहीं अपितु एक जीवन पद्धति है जिसमें उन सभी खाद्य तथा अखाद्य वस्तुओं का जो साक्षात पशुओं या पक्षियों से प्राप्त हो या जिनके उत्पादन मे पशुओ / पक्षियों कि अहम भूमिका हो, या उनका उपयोग किया गया हो उनका परित्याग करना तथा उन उत्पादों के विकल्प का उपयोग करना है ।

खाद्य तथा अखाद्य पदार्थो के लिए किये जा रहे पशुपालन में हो रहे प्रकृति और जानवरों के ऊपर की क्रूरता एवं अत्याचारों के विषय में लोगों को जागरूक करने और वीगन जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु रविवार की शाम को बजड़े पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान – बी. एच. यू. के शोध छात्र कैलाशपति पांडेय के नेतृत्व में डाक्यूमेंट्रीया प्रस्तुति की गई।
5 प्रदर्शित डाक्यूमेंट्री-चलचित्र, मानव व उद्योगों द्वारा जन-जीवन, पशु – पक्षियों तथा प्राकृतिक संसाधनों के अन्धाधुंध शोषण एवं क्रूरता के बारे में लोगो को अवगत कराया । कैलाशपति पांडे ने अपने वक्तव्य के माध्यम से उपस्थित हुए सभी लोगों को वीगन आधारित आहार के फायदों से अवगत कराया एवं जानवरों को पीड़ा पहुंचा कर प्राप्त होने वाले सभी प्रकार के खाद्य-अखाद्य वस्तुओं के परित्याग करने की प्रेरणा दी।
वीगन जीवनशैली अपना चुके उपस्थित सहभागियों ने पौधे निर्मित पदार्थ के द्वारा विगनिस्म की पद्धति को कैसे अपनाया और कैसे यह उनके लिए स्वस्थ्यकर है इसके बारे में जानकारी साझा किया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी लोगों को वीगन आधारित अल्पाहार दिया गया जिसके निर्माण में पनीर के विकल्प में टोफू(सोया पनीर) एवं दूध के विकल्प में बादाम मिल्क प्रयोग किए गये थे। कार्यक्रम के आयोजन में यश, सोनाली, कान्हा, आर्यमान, जितेश, हरि, जितेन्द्र, उदिता, आयुषी, आशीष, शिवानी, सौरभ, करुणेश ने मुख्य भूमिका निभाई।वीगन जीवन-शैली प्रचारक theveganfamily के यश तथा सोनाली ने वीगन व्यंजनों एवं अपने परिवार एवं 18 माह की बच्ची लाक्षी के वीगन बनने की यात्रा पर चर्चा । मंच संचालन कैलाश एवं कान्हा ने किया।