सूरज विश्वकर्मा जौनपुर की रिपार्ट
मुंगराबादशाहपुर में तेजी से बढ़ रहा है भू माफ़ियाओं का ग्राफ
गरीबों की जमीन व् विवादित भूमि को अवैध रूप से कब्जा कर करते हैं प्लाटिंग वसूलते हैं मोटी रकम
ऊपर तक पहुँच के कारण नहीं होता है कोई कार्यवाही आखिर क्यों जिला प्रशासन इन पर कार्यवाही करने से कतरा रहा है?
मुंगराबादशाहपुर- क्षेत्र में पिछले कई सालों से भू माफ़ियाओं का ग्राफ तेजी से बढ रहा है। जो अवैध रूप से गरीबों की भूमि,न्यायालय के समक्ष विचारधीन मामलों की भूमि सहित तालाब, स्कूल की लाखों करोड़ों रुपए की भूमि को भू माफिया औने पौने दामों में खरीद बिक्री के साथ प्लाटिंग कर खरीद बिक्री करने वाले लोगों से मोटी कमाई करते हैं। मुंगरा नगर से सटे हुए भूमि की बात करें तो यहाँ पर भूमि की कीमत आसमान छू रही है जिसके कारण भू माफिया तेजी से रियल स्टेट बिजनेस में हाथ लगा रहें हैं और इनका कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। शासन प्रशासन भी इन पर लगाम लगाने में नाकामयाब रहा है और सत्ताधारी नेताओं ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है और भू माफ़ियाओं को सरंक्षण देने के साथ ही अपनी हिस्सेदारी लेना नहीं भूलते हैं। प्रशासन द्वारा इन्हें सहयोग मिलता है जिसके बल पर भू माफिया अपने 40-50 गुर्गों के साथ पहुंचकर जमीन कब्जा करने का काम करते हैं और इन पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होता है। जितनी तेजी से भू माफिया का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है वो लोगों के ऊपर हावी होते जा रहे हैं और अपना खौफ लोगों के अंदर बनाते जा रहे हैं जिसके कारण लोग इनके सामने न तो सर उठा पा रहे हैं और न ही अपनी आवाज़ बुलंद कर पाते हैं इनके खिलाफ अगर कोई इनके खिलाफ आवाज़ उठाता है तो उसे प्रताड़ित किया करते रहते हैं। सत्ताधारियों से मिल रहे सरंक्षण के कारण भू माफिया का मनोबल दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। सरकार और प्रशासन द्वारा इनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए और इनके संपत्ति की निष्पक्ष जांच हो। अगर सरकार भू माफिया के खिलाफ कार्यवाही शुरू हुआ तो कई नेताओं के असली चेहरा लोगों के सामने होगा और इनका बहुरूपिया चेहरा भी बेनकाब होगा जो सत्ता में बैठकर लोगों के सामने अच्छा और साफ सुथरी छवि दिखाकर गरीबों की भूमि कब्जा करने का काम करते हैं। भू माफिया से पीड़ित परिवार केवल न्यायालय में तारीख देखते देखते ही उम्र बिता रहे हैं। राजस्व विभाग के लोग भी कम जिम्मेदार नहीं हैं जो पैसे के लालच में आकर अपना ईमान बेच दलाली का काम करते हैं और भू माफिया का साथ देते हुए जाली दस्तावेज तैयार करते हैं और फर्जी तरीके से बैनामा भी कर देते हैं इन पर भी सख्त कदम उठाए जाएं ताकि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी गलत काम करने से पहले उसके अंदर सरकार का डर हो ताकि सही काम करें और लोगों के परिवार को कोर्ट कचहरी में चक्कर लगाने से बच सकें। यहां की जनता भू माफिया से बहुत त्रस्त हैं और थक हारकर चुप्पी साध ली है इनके बच्चों का भविष्य अंधकार में है। शासन, प्रशासन और न्ययालय से भी इन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है न्यायपालिका से भी पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है जिससे पीड़ित परिवार का भरोसा सबसे उठता जा रहा है। न्यायालय के चक्कर लगाते लगाते और वकील साहब की फीस भरते भरते अपना और अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल नहीं बना पा रहे हैं आखिर कौन करेगा इनके साथ न्याय ये एक बड़ा सवाल है? क्या सत्ताधारी नेताओं के सरंक्षण मिलने के कारण भू माफिया के खिलाफ जिले के आलाधिकारी कोई कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं? आखिर कब मिलेगा लोगों को न्याय?आखिर क्यों भू माफिया पर कार्यवाही नहीं हो रहा है?क्या अपने ही नेताओं के खिलाफ कार्यवाही करने में कतरा रही है सरकार ये भेदभाव क्यों किया जा रहा है लोगों के साथ? फ़िलहाल सच भविष्य के गर्भ में है भू माफिया दिन ब दिन कब्जा करने का कामबढ़ता जा रहा इन पर कोई नहीं है जो लगाम लगा सके। सच्चाई का पता तभी चलेगा जब भेदभाव किए बिना निष्पक्ष जांच शुरू हो।