डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भदोही में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

विषय: दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

आज 28 मार्च 2000 22 को कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य और पर्यावरण की चुनौतियां और उनके समाधान विषय पर चल रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हो गया. संगोष्ठी के संयोजक डॉ अनुराग सिंह और आयोजन सचिव डॉ आशुतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आज के प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ ए के वर्मा, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय, सैदाबाद, मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे. उन्होंने लॉकडाउन के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव की चर्चा की और बताया कि लॉकडाउन के कारण पारिवारिक व आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर पड़े दुष्प्रभाव की चर्चा की. उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए सकारात्मक विचार अपनाने तथा कार्यों को व्यवस्थित करने हेतु तकनीकी अपनाने पर बल दिया. उन्होंने सूत्र वाक्य देकर जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तन मन से प्रयास करने का आह्वान किया. डॉ विकास चंद्र ने कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अंतरराष्ट्रीय संबंधों में आए परिवर्तन को रेखांकित किया. प्रथम तकनीकी सत्र का संचालन डॉ अवधेश कुमार और धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनीश कुमार मिश्र ने दिया. द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ बालकेश्वर, केएनपीजी, ज्ञानपुर ने कोरोना प्रथम और द्वितीय चरण में हुई परेशानियों को रेखांकित करते हुए भविष्य में उन्हें दोहराने से रोकने के लिए सभी को समेकित प्रयास करने पर प्रकाश डाला. सत्र का संचालन डॉ गौतम गुप्ता और धन्यवाद ज्ञापन श्री बृजेश कुमार ने दिया. समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रुप में प्रो देवराज सिंह, निदेशक, रज्जू भैया शारीरिक शिक्षा संस्थान, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर ने अपने अभिभाषण में कोरोना के कारण आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों के प्रभावित होने की बात कही तथा भविष्य में इस प्रकार के वायरस से बचने के लिए हमें अपने व्यवहार और दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया. विशिष्ट अतिथि एसडीएम भदोही श्री अश्विनी पांडे ने कोरोना वायरस के प्रसार के विभिन्न चरणों के दौरान प्रशासनिक, सामाजिक और व्यापारी वर्ग के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि हमारे देश के शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के कारण भदोही में शत प्रतिशत टीकाकरण कर लिया गया है. भारत में विकसित टीका अन्य देशों के कई देशों के पीछे से अधिक प्रभावी और विश्वसनीय है. जिसके कारण पिछले कोरोना लहर में अधिक लोग प्रभावित नहीं हो पाए. इससे पहले प्राचार्य प्रो डॉ मुरलीधर राम ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ताओं को अंगवस्त्रम, पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत और सम्मान किया. उन्होंने अपने अभिभाषण में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की चर्चा को सार्थक बताते हुए कहा कि कोरोना जैसे वायरस हमें जीवन का महत्व बताते है. अनुशासन, मेहनत और ईमानदारी अपनाकर और प्रकृति के साथ तादात्म्य बना कर के मानव संस्कृति और सभ्यता को आगे बढ़ा सकते हैं. कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ आशुतोष कुमार श्रीवास्तव और डॉ शिखा तिवारी और धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डॉ अनुराग सिंह ने किया. इस अवसर पर केएनपीजी महाविद्यालय से डॉ विकास चंद्रा, डॉ एसकेएस यादव, डॉ यशवीर सिंह, डॉ सत्येंद्र प्रसाद, डॉ भावना सिंह, डॉ श्वेता सिंह, डॉ अवधेश कुमार डॉ रुस्तम अली, डॉ राजकुमार सिंह यादव, डॉ अनीश कुमार मिश्र, आशीष जायसवाल, अमित तिवारी, डॉ अंकिता तिवारी, पूनम द्विवेदी, ऋत्विक रंजन सिंह, गुलाबधर तिवारी, श्री शैलेश कपिल, आशीष यादव, देवब्रत मिश्रा, संजय गौड़ सहित पूरा महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा.

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भदोही

विषय: दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

आज 28 मार्च 2000 22 को कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य और पर्यावरण की चुनौतियां और उनके समाधान विषय पर चल रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हो गया. संगोष्ठी के संयोजक डॉ अनुराग सिंह और आयोजन सचिव डॉ आशुतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आज के प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ ए के वर्मा, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय, सैदाबाद, मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे. उन्होंने लॉकडाउन के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव की चर्चा की और बताया कि लॉकडाउन के कारण पारिवारिक व आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर पड़े दुष्प्रभाव की चर्चा की. उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए सकारात्मक विचार अपनाने तथा कार्यों को व्यवस्थित करने हेतु तकनीकी अपनाने पर बल दिया. उन्होंने सूत्र वाक्य देकर जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तन मन से प्रयास करने का आह्वान किया. डॉ विकास चंद्र ने कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अंतरराष्ट्रीय संबंधों में आए परिवर्तन को रेखांकित किया. प्रथम तकनीकी सत्र का संचालन डॉ अवधेश कुमार और धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनीश कुमार मिश्र ने दिया. द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ बालकेश्वर, केएनपीजी, ज्ञानपुर ने कोरोना प्रथम और द्वितीय चरण में हुई परेशानियों को रेखांकित करते हुए भविष्य में उन्हें दोहराने से रोकने के लिए सभी को समेकित प्रयास करने पर प्रकाश डाला. सत्र का संचालन डॉ गौतम गुप्ता और धन्यवाद ज्ञापन श्री बृजेश कुमार ने दिया. समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रुप में प्रो देवराज सिंह, निदेशक, रज्जू भैया शारीरिक शिक्षा संस्थान, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर ने अपने अभिभाषण में कोरोना के कारण आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों के प्रभावित होने की बात कही तथा भविष्य में इस प्रकार के वायरस से बचने के लिए हमें अपने व्यवहार और दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया. विशिष्ट अतिथि एसडीएम भदोही श्री अश्विनी पांडे ने कोरोना वायरस के प्रसार के विभिन्न चरणों के दौरान प्रशासनिक, सामाजिक और व्यापारी वर्ग के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि हमारे देश के शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के कारण भदोही में शत प्रतिशत टीकाकरण कर लिया गया है. भारत में विकसित टीका अन्य देशों के कई देशों के पीछे से अधिक प्रभावी और विश्वसनीय है. जिसके कारण पिछले कोरोना लहर में अधिक लोग प्रभावित नहीं हो पाए. इससे पहले प्राचार्य प्रो डॉ मुरलीधर राम ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ताओं को अंगवस्त्रम, पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत और सम्मान किया. उन्होंने अपने अभिभाषण में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की चर्चा को सार्थक बताते हुए कहा कि कोरोना जैसे वायरस हमें जीवन का महत्व बताते है. अनुशासन, मेहनत और ईमानदारी अपनाकर और प्रकृति के साथ तादात्म्य बना कर के मानव संस्कृति और सभ्यता को आगे बढ़ा सकते हैं. कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ आशुतोष कुमार श्रीवास्तव और डॉ शिखा तिवारी और धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डॉ अनुराग सिंह ने किया. इस अवसर पर केएनपीजी महाविद्यालय से डॉ विकास चंद्रा, डॉ एसकेएस यादव, डॉ यशवीर सिंह, डॉ सत्येंद्र प्रसाद, डॉ भावना सिंह, डॉ श्वेता सिंह, डॉ अवधेश कुमार डॉ रुस्तम अली, डॉ राजकुमार सिंह यादव, डॉ अनीश कुमार मिश्र, आशीष जायसवाल, अमित तिवारी, डॉ अंकिता तिवारी, पूनम द्विवेदी, ऋत्विक रंजन सिंह, गुलाबधर तिवारी, श्री शैलेश कपिल, आशीष यादव, देवब्रत मिश्रा, संजय गौड़ सहित पूरा महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा.

भदोही सेअनीश मिश्रा की रिपोर्ट

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