जौहर विवि की जमीन पर कब्जा छोड़े प्रशासन- SC आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का किया धन्यवाद

इंडिया लाइव न्यूज़ 24 न्यूज़ लखनऊ सतीश कुमार मौर्य

रामपुर

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बोले आजम खान,आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का किया धन्यवाद

इंसाफ की दलील हमारे आंसुओं से लिखी- आजम

सुप्रीम कोर्ट हमें न्याय दे रही है – आजम खान

सील इमारतों को खोलने का आदेश हुआ- आजम।

सुप्रीम कोर्ट ने रामपुर प्रशासन को दिया आदेश

जौहर विवि की जमीन पर कब्जा छोड़े प्रशासन- SC

सुप्रीम कोर्ट ने सपा विधायक आजम खान को जमानत देते हुई लगाई गई शर्तों से संबंधित इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के एक हिस्से को शुक्रवार को निरस्त कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस नयी प्रवृत्ति को लेकर ‘परेशान’ है, जहां अदालतें ऐसे मामलों का संदर्भ देती हैं जो जमानत के लिए प्रार्थना पर विचार करने से संबंधित नहीं होते। उच्चतम न्यायालय ने आजम खान को जमानत देते हुए लगाई गई शर्तों से संबंधित इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के एक हिस्से को शुक्रवार को निरस्त कर दिया, जिसमें उत्तर प्रदेश में रामपुर के जिलाधिकारी को जौहर विश्वविद्यालय परिसर से जुड़ी जमीन को कब्जे में लेने के निर्देश दिए गए थे।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि वह ‘इस प्रवृत्ति को लेकर परेशान’ है, जहां ऐसे मामलों का संदर्भ दिया जाता है जो जमानत के लिए प्रार्थना पर विचार करने से संबंधित नहीं होते। पीठ ने कहा कि अदालतों को अर्जी और उसके सामने रखे मामले तक सीमित रहना चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘हमें लगातार ऐसे आदेश मिलते रहे हैं। दो दिन पहले हमने इसी तरह के एक आदेश को रद्द किया था।’ शीर्ष अदालत ने कहा, ‘यह अब एक प्रवृत्ति बन गई है। जमानत और अग्रिम जमानत याचिका में आप जमानत याचिका और पेश मामले तक सीमित रहते हैं। अन्य मामले कैसे प्रासंगिक हो सकते हैं? यह एक नयी प्रवृत्ति है जो हम विभिन्न आदेशों में देख रहे हैं।’

पीठ ने इलाहबाद उच्च न्यायालय द्वारा जिलाधिकारी को जमीन को कब्जे में लेने का निर्देश देने वाली जमानत की शर्त को निरस्त करते हुए खान की जमानत से संबंधित अन्य शर्तों को बरकरार रखा। खान जौहर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं। पीठ ने कहा, ‘यह एक और मामला है, जहां हम पाते हैं कि उच्च न्यायालय ने उन मामलों का संदर्भ दिया जो संबंधित आरोपी के खिलाफ दर्ज अपराध से जुड़ी जमानत के लिए प्रार्थना पर विचार से संबंधित नहीं हैं।’

आपकी दलील से संतुष्ट नहींः सुप्रीम कोर्ट
पीठ ने कहा कि राज्य की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अदालत से अतिरिक्त शर्तें लगाने का आग्रह किया है कि खान को जमानत अवधि के दौरान रामपुर जिले में प्रवेश करने से परहेज करने का निर्देश दिया जाए। पीठ ने कहा, ‘हम इस दलील से संतुष्ट नहीं हैं।’ शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिकारियों ने उच्च न्यायालय के फैसले में की गई टिप्पणियों पर कार्रवाई करते हुए कुछ परिसरों को सील करने सहित विभिन्न कार्रवाई शुरू की थी।’

पीठ ने कहा, ‘राजस्व अधिकारियों या राज्य के अधिकारियों द्वारा 10 मई, 2022 के जमानत आदेश में की गई टिप्पणियों के संदर्भ में की गई सभी कार्रवाइयों को रिकॉर्ड से हटाया हुआ माना जाए।’ हालांकि, पीठ ने कहा कि यह आदेश सक्षम प्राधिकारी को विश्वविद्यालय के प्रबंधन और संपत्तियों के संबंध में अन्य सामग्री, दस्तावेजों या संबंधित कानून के तहत कार्रवाई शुरू करने के लिए उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर स्वतंत्र रूप से कार्रवाई शुरू करने से नहीं रोकेगा।

पीठ ने कहा, ‘हम 18 मई 2022 के आदेश के संबंध में संयुक्त मजिस्ट्रेट/उप जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश देते हैं कि संबंधित आदेश में संदर्भित संपत्ति को सील मुक्त करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।’ शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के 10 मई के आदेश के खिलाफ खान द्वारा दायर अपील सहित सभी अर्जियों का निपटारा कर दिया। शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ ने 27 मई को खान पर लगाई गई जमानत की शर्त पर रोक लगा दी थी, जिसमें जिलाधिकारी को जौहर विश्वविद्यालय परिसर से जुड़ी जमीन पर कब्जा करने का निर्देश दिया गया था।

पीठ ने कहा था कि प्रथम दृष्टया खान पर लगाई गई जमानत की शर्त असंगत थी और यह एक दीवानी अदालत के फरमान की तरह लगती है। उच्च न्यायालय ने 10 मई को खान को अंतरिम जमानत प्रदान करते हुए रामपुर के जिलाधिकारी को 30 जून तक जौहर विश्वविद्यालय के परिसर से जुड़ी शत्रु संपत्ति का कब्जा लेने और कंटीली तार के साथ चारदीवारी बनाने का निर्देश दिया था।

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