खाने के समान पर जी एस टी लगाना पेट पर लात मरने जैसा जो ठीक नही- शशिप्रताप सिंह

वाराणसी रिपोर्टर

खाने के समान पर जी एस टी लगाना पेट पर लात मरने जैसा जो ठीक नही- शशिप्रताप सिंह

राष्ट्रीय समता पार्टी संयोजक शशिप्रताप सिंह अपने कैम्प कार्यालय पर मीडिया से बातचीत में बताया कि केंद्र की सरकार ने रोजमर्रा की तमाम वस्तुएं को महंगी कर गरीब की कमर तोड़ रही है महंगाई की मार झेल रहे लोगों के बजट पर अब और भार तेजी से बढ़ाया है. सरकार ने जरूरत की तमाम चीजों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में बढ़ोतरी कर अच्छा नही किया. दही, लस्सी, चावल, पनीर, आटा और अन्य घरेलू वस्तुओं की कीमतों की बढ़ोतरी करना कमर में सुई चुभाने जैसा अब ये तो साफ है कि सामान महंगे हो रहे हैं, आटा लेने पर भी ग्राहकों को जीएसटी देना पड़ेगा गरीब के पेट पर लात मारने जैसा।

18 जुलाई से जीएसटी काउंसिल की सिफारिश दरों को लागू करना दुःख दाई
केंद्र सरकार से मांग है कि इस जी एस टी को वापस ले और गरीबो को राहत दे।

भवदीय
शशिप्रताप सिंह
संयोजक रासपा वाराणसी 9935510801

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