एम डी एम मेन्यू की उड़ रही है धज्जियां
रोटी दाल के जगह बन रहा है दाल पीठा

गोरखपुर मंडल से श्रीकृष्ण शर्मा की रिपोर्ट

कुशीनगर जिले के विकास खंड विशुनपुरा के अंतर्गत ग्राम सभा कुकुरहा प्राथमिक विद्यालय में मानक के विपरीत बना बच्चों का भोजन
प्राप्त जानकारी के अनुसार
कुशीनगर जिले के विकास क्षेत्र विशुनपुरा के अंतर्गत ग्राम सभा कुकुरहा प्राथमिक विद्यालय में शासनादेश के अनुसार बच्चों को भोजन नहीं मिल रहा है शासन के मेन्यू के अनुसार गुरुवार को भोजन में रोटी दाल देना है किंतु मानक के विपरीत दाल पीठा बनाकर बच्चों को खिलाया जा रहा था दाल भी मानक के अनुसार नहीं दिखाई दे रहा था एमडीएम में बच्चो को जितनी मात्रा मेंभोजन मिलना चाहिए उससे कम लग रहा था ,बच्चों के थाली में पीठा के नाम पर केवल दाल का पानी दिखाई दे रहा था यह देख कर अमिट रेखा की टीम ने जब इस संबंध में प्रधानाध्यापक सीमा पाठक से पूछा तो उन्होंने इस का सही जवाब नहीं दिया और टीम पर तेवर में आकर कहीं शासन से निर्देश है कि बिना परमिशन के और बिना आईडी के कोई पत्रकार विद्यालय नहीं जा सकता है इससे साबित होता है कि अपने मनमानी तरीके से बच्चों का एमडीएम बन रहा है और आप सही जवाब नहीं दे रही है मौके पर अध्यापक सीमा पाठक सहायक अध्यापक ताजुद्दीन व सुरेंद्र यादव शिक्षा शिक्षामित्र संगीता देवी मौजूद रहे इतना ही नहीं इस विद्यालय में तानाशाही यह दर्शाता है कि आप की मनमानी से बच्चों का भविष्य के साथ खेलवाड ही होता होगा आप अपने मनमानी तरीके से प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक आते रहेंगे और मनमानी तरीके से बच्चों का एमडीएम भी बनवाते रहंगे अमिट रेखा की टीम ने जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कुशीनगर से जानकारी की तो उन्होंने बताया कि शासन से कोई ऐसा निर्देशन को नहीं मिला कि कोई पत्रकार विशेष परमिट लेकर स्कूलों में जाय मैं पता करवाता हूं मीडिया कर्मियों ने दूरभाष पर बीएसए कुशीनगर से पूछे कि क्या बच्चों का एमडीएम मानक के विपरीत होने की वजह जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा, कि अगर एमडीएम मानक के अनुसार नहीं है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी अब देखना यह है कि सरकार में इतनी कड़ी व्यवस्था के बावजूद भी क्या प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक नियमानुसार बच्चों को शिक्षा देते हैं और नियमानुसार बच्चों का एमडीएम बनवाते है या नहीं और मीडिया कर्मियों को सूचना देने के बाद भी बीएसए कुशीनगर प्रधानाध्यापक के ऊपर कोई करवाई करते हैं या नहीं अगर ऐसा नहीं होता है तो यह माना जा सकता है कि मिलीभगत के चलते ही प्रधानाध्यापिका ने मीडिया के सामने तेवर तीखे किए

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