आस्था में मज़हब मायने नहीं, मायने रखता है अपने विचार व भावना-परवीन वारशी

चंदौली से अनिल द्विवेदी की रिपोर्ट

चंदौली : जिले में आस्था का पर्व छठ पूजा सकुशल संपन्न हुआ। मगर यह पर्व जनमानस के हृदय को झकझोर कर रख दिया। खास कर उन लोगो को जो जातिवाद और धर्मवाद के नाम पर एक दूसरे को लड़ाते रहते हैं। इन लोगो के लिए सबक है ।

उगते सूर्य को अर्घ्य देती परवीन वारशी

पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर की परवीन वारशी, परवीन का परिवार सारे मजहबी वसूलों को ताक पर रखकर आज छठ पूजा कर जनता को यह संदेश दिया कि आस्था में कोई धर्म या मजहब नहीं होता।

परवीन वारशी ने बताया कि हम सभी भाई बहन छोटे थे तभी से मेरी मां छठ व्रत किया करती थी और अब हम लोग बड़े हो गए तो हम लोग छठ पूजा करते हैं।

हमें सबसे पहले यह याद रखना चाहिए कि हम उस देश के वारिस हैं जहा हमारे देश को भारत माता तो गंगा नदी को भी माता, और गौ को भी माता की उपमा देकर हम देश वासी अपने देश का मान बढ़ाया है।

हम सबसे पहले भारत वासी है बाद में मजहबी। अगर मजहब मायने रखता तो अग्नि,जल, वायु,पृथ्वी हिंदू धर्म के देवता हैं तो क्या अग्नि हिंदू को जलाकर भस्म नहीं करेगी सिर्फ मुस्लिम को ही जलायेगी, इसी तरह जल पर हिंदूओं का ही अधिकार है मुसलमानो का नही, अगर अग्नि जल वायु पृथ्वी हमसे भेदभाव नहीं रखते तो हम क्यों रखे। हमार परिवार छठ पूजा कर बहुत खुश व प्रसन्न हैं मैं चाहती हूं कि सारे मजहबी छठ पूजा को करें।

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