13 जुलाई बुधवार की शाम जब चंाद आसमान में उगेगा तो वह कुछ अनोखा दिखाई देगा। वह साल के बाकी दिनों से ज्यादा बड़ा और ज्यादा चमकदार नजर आएगा। इसे जुलाई सुपरमून या बक मून कहा जाता है। इस खगोलीय घटना को बिना दूरबीन के नंगी आंखों से देखा जा सकेगा।
वैज्ञानिक संस्था रिसर्च के निदेशक डॉ. इरफान ह्यूमतन ने बताया कि इस दिन सुपरमून पहले की तुलना में थोड़ा बड़ा और पहले की मुकाबले ज्यादा चमकीला दिखाई देगा। ऐसा इसलिए होता है कि चांद हमारी ज़मीन की कक्षा के बहुत करीब आ जाता है। इस पोजिशन को परीजी कहते हैं। इस दिन चंाद एक दीघ्रवृतीय कक्षा में परिक्रमा करते-करते पृथ्वी से 3,57,264 किलोमीटर की सबसे पास की दूरी पर पहुंच जाएगा।
इस बार सुपरमून को लेकर आशंका व्यक्त की जा रही है कि इस घटना के समय समुद्र में तटीय तूफान या तटीय बाढ़ की स्थिति बन सकती है। उस समय पृथ्वी पर बड़ा ज्वारीय प्रभाव दिखाई देगा, जिससे उच्च और निम्न महासागरीय ज्वार की एक बड़ी श्रृंखला पैदा हो सकती है।
डॉ. इरफान ह्यूमन ने बताया कि यह सुपरमून 13 जुलाई की शाम से 14 जुलाई की सुबह तक दिखाई देगा। 13 जुलाई की रात यानी 14 जुलाई 12.08 बजे यह अपने चरम पर होगा। अगर इस बार आप इसे देखने से चूक गये तो अगली बार इसे 3 जुलाई, 2023 में देख पाएंगे।