सुलेशन/मादक पदार्थ पीकर नशे में धुत नाबालिक बच्चें खड्डा तहसील परिसर व अन्य स्थानों पर दिखे, जिम्मेदार कौन?

अजीत यादव तहसील प्रभारी पड़रौना

नेबुआ नौरंगिया/कुशीनगर । खड्डा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों व खड्डा नगर के विभिन्न वार्डों में आए दिन यह देखने को मिल रहा है कि नाबालिग बच्चे जिनकी उम्र लगभग 5 से 6 साल की है वे नाबालिक बच्चें नगर व क्षेत्रों में मिल रहे मादक पदार्थ/सुलेशन/गांजा पीकर नशे में बिल्कुल धुत होकर सड़कों के किनारे दिखाई दे रहे है। उच्च शिक्षा और परिवार के द्वारा अच्छी परवरिश न होने के होकर यह बच्चें नशे और मादक पदार्थों का सेवन करने का शिकार हो जाते हैं। ये नाबालिक बच्चें प्लास्टिक में एक मादक पदार्थ सुलेशन भरकर नाक से सूँघते है और मादक पदार्थ/सुलेशन/गांजा पीकर और नशे में धुत हो जाते हैं। नशे में धुत होकर आए दिन यही बच्चें नगर व क्षेत्र में छोटी-बड़ी घटनाओं जैसे चोरी, राहगीरों को अपशब्द बोलना, गाली देना, समान लेकर भाग जाना आदि जैसे अपराधों को अंजाम देते हैं। एक तरफ जहां सरकार नाबालिग बच्चों के शिक्षा पर पुरजोर देती है औरअच्छी व्यवस्थाओं के साथ सर्व शिक्षा अभियान व स्कूल चलो अभियान चलाती है ताकि सभी बच्चे शिक्षित हो और अपने भविष्य की ओर अग्रसर हो। ऐसे में इन नाबालिग बच्चों जो मादक पदार्थों का सेवन कर अपने भविष्य को अधर में डाल रहे हैं और सुलेशन आदि जैसे मादक पदार्थों को पीकर अपने फेफड़े को खराब कर रहे हैं। ऐसे में इन पर रोकथाम हेतु प्रशासन द्वारा इन बच्चों पर बाल अधिनियम के तहत इसमें सुधार किया जाए और स्कूल भेजा जाएताकि इनको उच्च शिक्षा मिले। और यदि इन सभी प्रयासों के बाद भी यह बच्चे अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे या नहीं सुधर रहे हैं तो इन बच्चों को बाल सुधार गृह में भी भेजा जाए। जिससे उनका भविष्य उज्जवल हो सके। उच्च शिक्षा और परिवारिक परवरिश न मिलने के चलते यह बच्चें अपने भविष्य को विपरीत दिशा में ले जा रहे हैं। यह बच्चें अभी नाबालिक है तो ये चोरी और उक्त आदि घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, अगर आने वाले कल में यही बच्चें बालिक हो जाए और इन पर प्रशासन का नियंत्रण न हो और इनको अच्छी/उच्च शिक्षा न मिलने से आए दिन यह बच्चे बड़ी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। इन बच्चों द्वारा बड़ी घटनाओं को अंजाम न दिया जाए और इनके मादक पदार्थ/सुलेशन/गांजा आदि को पीने/सेवन करने पर रोक लगाया जाए इसके लिए नाबालिक बच्चों को दुकानदारों द्वारा सुलेशन का पैकेट न दिए जाने का निर्देश दुकानदारों को प्रशासन द्वारा जरूर मिलना चाहिए। क्योंकि जब नाबालिग बच्चें नशे में धुत होकर सुलेशन का सेवन आदि मादक पदार्थों का सेवन करेंगे तो उनका भविष्य अधर में पड़ जाएगा, नशे में धुत व नशे में लबरेज ये बच्चें ही आए आए दिन आपराधिक घटनाओं को अंजाम देंगे। यह बच्चे बिल्कुल अकेले रहते फिरते हैं और कहीं भी देखाजाए तो इनके हाथ में एक प्लास्टिक रहेगा और उसमें सुलेशन यानी मादक पदार्थ रहते हैं। जिसको ये नाक से सूंघते है और उस मादक पदार्थ के नशे में चूर हो जाते हैं। मादक पदार्थ/सुलेशन/गांजा पीकर नशे में धुत होकर कहीं इधर-उधर तो कभी सड़क पर तो कभी जंगल झाड़ियों में सोए नजर आते हैं सड़क पर सोने से आए दिन दुर्घटनाएं भी होती हैं। नगर व क्षेत्रों में आए दिन छोटी-बड़ी चोरी/आपराधिक घटना इनके द्वारा ही अंजाम दिया जाता है। क्योंकि इनका आय का कोई स्रोत नहीं होता और मादक पदार्थ/सुलेशन/गांजा का सेवन करने/पीने के लिए कुछ ना कुछ पैसे पैसे इकट्ठे करने हेतु तीन नाबालिग बच्चों द्वारा नगर व क्षेत्र में छोटी-बड़ी चोरी/आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। इन बच्चों द्वारा चोरी व आपराधिक घटनाओं न हो और ये नशे में धुत व नशा का शिकार न हो और छोटी बड़ी अपराधिक घटनाओं को अंजाम न दें इसके लिए प्रशासन द्वारा सभी दुकानदारों को जो सुलेशन भेजते हैं उन पर नाबालिग बच्चों को सुलेशन न देने का निर्देश दिया जाना परम आवश्यक है। क्योंकि सुलेशन व मादक पदार्थों का सेवन करने से इन बच्चों के फेफड़े पर बुरा असर पड़ता है जिससे इनकी उम्र बहुत कम हो जाती और एक गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। डाक टाइम्स न्यूज़ समाचार पत्र के कैमरे में कैद हुए खड्डा तहसील परिसर में सुलेशन व मादक पदार्थों का सेवन कर रहे नाबालिक बच्चों का फोटो व वीडियो। जिसको अनदेखा नहीं किया जा सकता है।

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