
सीतापुर ब्यूरो प्रदीप पाल की रिपोर्ट
पिसावां/सीतापुर। सीएचसी पिसावां पर करीब ढाई लाख आबादी के इलाज की जिम्मेदारी है। संसाधनों के अभाव में दूरदराज इलाके के ग्रामीणों को इलाज मिलना मुश्किल हो रहा है। सीएचसी पर एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति नहीं है। महिला डॉक्टर की भी तैनाती नहीं है। ऐसे में यहां महिलाओं को इलाज के लिए परेशान होना पड़ता है। पुरुष डॉक्टरों के सामने कई बार महिलाएं अपना मर्ज तक नहीं बता पाती हैं।
सीएचसी पर नौ डॉक्टरों के सापेक्ष अधीक्षक सहित केवल पांच डॉक्टर हैं। चार वार्ड ब्वॉय के सापेक्ष मात्र एक वार्ड ब्वॅाय है। छह स्टाफ नर्स के मुकाबले चार स्टाफ नर्स हैं। तीन सफाईकर्मी की जगह केवल एक की तैनाती है। बोर्ड पर लिखी 65 दवाइयों में केवल 45 दवाई ही सीएचसी पर हैं। चपरासी व सफाईकर्मी की कमी से शौचालय में ताला पड़ा रहता है। जिसके चलते स्टॉफ से लेकर मरीज व तीमारदारों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
एक साल से नहीं हुए मरीजों के एक्सरे
एक्सरे टेक्नीशियन सत्येंद्र कुमार ने बताया कि अभी तक अनुबंध पर डिजिटल एक्सरे मशीन चल रही थी जो जून 2021 में वापस चली गई है। जिसके बाद एक मशीन फरवरी माह में आई थी। लेकिन इंस्टाल न होने व अन्य सामान न होने से एक्सरे नहीं हो पा रहे है।
पांच एडिशनल पीएचसी में दो बिना डॉक्टर व एक बंद
पिसावां सीएचसी के तहत जलालनगर, बरगावां, नेरी, बीहटg गौर और नवनिर्मित पाताबोझ पीएचसी में केवल बरगावां व बीहटगौर में डॉक्टर तैनात हैं। बाकी नेरी व जलालनगर पीएचसी में केवल फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वॉय के भरोसे चल रही है। पाताबोझ पीएचसी के डॉक्टर का ट्रांसफर हो गया है। फार्मासिस्ट सीएचसी पर अटैच होने के बाद से बंद चल रहा है।
सीएचसी पर नौ डॉक्टरों के सापेक्ष अधीक्षक सहित केवल पांच डॉक्टर हैं। चार वार्ड ब्वॉय के सापेक्ष मात्र एक वार्ड ब्वॅाय है। छह स्टाफ नर्स के मुकाबले चार स्टाफ नर्स हैं। तीन सफाईकर्मी की जगह केवल एक की तैनाती है। बोर्ड पर लिखी 65 दवाइयों में केवल 45 दवाई ही सीएचसी पर हैं। चपरासी व सफाईकर्मी की कमी से शौचालय में ताला पड़ा रहता है। जिसके चलते स्टॉफ से लेकर मरीज व तीमारदारों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
एक साल से नहीं हुए मरीजों के एक्सरे
एक्सरे टेक्नीशियन सत्येंद्र कुमार ने बताया कि अभी तक अनुबंध पर डिजिटल एक्सरे मशीन चल रही थी जो जून 2021 में वापस चली गई है। जिसके बाद एक मशीन फरवरी माह में आई थी। लेकिन इंस्टाल न होने व अन्य सामान न होने से एक्सरे नहीं हो पा रहे है।
पांच एडिशनल पीएचसी में दो बिना डॉक्टर व एक बंद
पिसावां सीएचसी के तहत जलालनगर, बरगावां, नेरी, बीहट गौर और नवनिर्मित पाताबोझ पीएचसी में केवल बरगावां व बीहटगौर में डॉक्टर तैनात हैं। बाकी नेरी व जलालनगर पीएचसी में केवल फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वॉय के भरोसे चल रही है। पाताबोझ पीएचसी के डॉक्टर का ट्रांसफर हो गया है। फार्मासिस्ट सीएचसी पर अटैच होने के बाद से बंद चल रहा है।