डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भदोही
ब्यूरो भदोही
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई और नवाचार परिषद के तत्वाधान में आज 5 जून 2022 को “विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया. इस अवसर पर आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ आशुतोष कुमार श्रीवास्तव, प्रभारी, जंतु विज्ञान विभाग उपस्थित रहे. प्राचार्य प्रो डॉ मुरलीधर राम ने सभी का स्वागत करते हुए पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रदूषण बढ़ने के कारण जीव-जंतुओं के साथ-साथ मनुष्यों का भी जीवन आने वाले समय में खतरे में पड़ेगा. अतः हमें जल, वायु, मृदा और ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा. तभी हम आने वाली पीढ़ी को एक सुरक्षित, संसाधन युक्त पृथ्वी रहने के लिए दे पाएंगे. मुख्य वक्ता डॉ आशुतोष कुमार श्रीवास्तव ने बाढ़, सूखा, वर्षा की मात्रा में बदलाव, बादल फटना, भूस्खलन आदि प्राकृतिक घटनाओं की संख्या और गहनता बढ़ने पर चिंता प्रकट की. मनुष्य के क्रिया-कलापों ने जल संसाधनों यहां तक की समुद्रों को भी प्रदूषित करना शुरू कर दिया है. जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ गया है. भूमिगत जल स्तर देश के कई शहरों में समाप्ति की कगार पर है. समर्सिबल का अत्यधिक प्रयोग और जल का अंधाधुंध दोहन, औद्योगिकीकरण, शहरीकरण भौतिकता वादी प्रवृत्ति इत्यादि के कारण पीने योग्य पानी की भी कमी हो गई है. देश के 80 प्रतिशत परिवारों के पास शुद्ध पेयजल का अभाव है. जिसके कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियां मानव को चपेट में ले रही हैं. इन सब से बचने के लिए हमें अधिक से अधिक जल का संरक्षण और पर्यावरण का संवर्धन करना होगा. डॉ अनुराग सिंह, नैक प्रभारी, ने जैव विविधता और जंगलों की अंधाधुंध कटाई पर प्रकाश डाला और बताया कि वृक्षों के कारण ही पृथ्वी पर जीवन है. वृक्षों से तापमान और वर्षा की मात्रा प्रभावित होती है. इसीलिए वृक्ष है, शुद्ध जल है और शुद्ध वायु है तो हमारा भविष्य पृथ्वी पर सुरक्षित है. डॉ राजकुमार सिंह यादव भौतिकी विभाग के संयोजन में “ऊर्जा का संरक्षण एवं प्राकृतिक स्रोत” विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया. कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनीश कुमार मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ श्वेता सिंह ने दिया. इस अवसर पर प्राध्यापक डॉ अंकिता तिवारी, शिखा तिवारी ने भी छात्रों को पर्यावरण की विभिन्न समस्याओं और उनके निरोधात्मक उपायों से अवगत कराया.