नकल गैंग का सरगना अरविंद राणा गिरफ्तार
TGT पेपर लीक कांड में वांछित था अरविंद राणा, अरविंद राणा का साथी राहुल भी हुआ गिरफ्तार, STF ने मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना से किया गिरफ्तार।
सीओ एसटीएफ बृजेश सिंह ने बताया कि मुख्य नकल माफिया अरविंद राणा गांव बझेड़ी, थाना झिंझाना जिला शामली का मूल निवासी है। वह वर्तमान में अक्षरधाम कॉलोनी, पल्लवपुरम मेरठ में रह रहा था। पूछताछ में अरविंद ने एसटीएफ को बताया कि बीएससी करने के बाद एमए की पढ़ाई की। बड़ौत में कोचिंग सेंटर खोला। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवक अरविंद राणा को गुरुजी कहकर पैर छूने लगे। उसके पास इस समय तीन गाड़ी बताई गई हैं। बागपत में जमीन और बड़ौत में एक मकान खरीदा। अपने पैतृक गांव में भी परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर जमीन खरीदी। शामली में 50 लाख रुपये की कीमत के दो प्लॉट खरीदे। पत्नी के नाम पर एक फ्लैट पल्लवपुरम की अक्षरधाम कॉलोनी में खरीदने की बात कबूल की है।
अरविंद राणा ने अपने गैंग में यूपी के अलावा, बिहार, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के भी सॉल्वर शामिल किए। यह गैंग करीब पिछले पांच सालों में ही दो हजार से अधिक अभ्यर्थियों से पैसा वसूल चुका है। कई भर्तियों में सात-सात लाख रुपये भी वसूले। सीओ का कहना है इस गैंग के अन्य सॉल्वर फरार हैं जो अरविंद से 10 साल से जुड़े हैं। करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की जा चुकी है। कई राज्यों की पुलिस के लिए अरविंद मुसीबत बन हुआ था। 2013 में वह कोर्ट में सरेंडर कर जेल गया था। उसके बाद उसकी गिरफ्तारी चुनौती बनी हुई थी। सीओ का कहना है पांच साल में 50 से अधिक मोबाइल नंबर अरविंद बदल चुका है। अधिकांश कॉल व्हाट्सएप पर करता था। गिरोह में करीब 200 से ज्यादा सॉल्वर अलग-अलग राज्यों में जुड़े हैं।
वरिष्ठ पत्रकार सतीश मौर्य