पत्रकार सुरेश बर्मा की रिपोर्ट
मुंगराबादशाहपुर – एक तरफ जहाँ उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भू माफियाओं पर कार्यवाही करने के लिए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चाहे वो गरीबों की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले हो या फिर सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने वाले माफिया हों सब पर सख्त कदम उठाए जाएं। वहीं दूसरी तरफ सरकार के आदेश की अवहेलना किया जा रहा जनपद जौनपुर के आलाधिकारियों द्वारा मुंगराबादशाहपुर में पिछले पांच सात सालों में से अपना दबदबा कायम रखने वाले मुंगरा क्षेत्र के भू माफ़ियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं हो रहा है। कारण मुंगरा के भू माफिया के तार वर्तमान सरकार के बड़े बड़े वरिष्ठ सत्ताधारियों से जुड़े हुए हैं और तहसील मछलीशहर जनपद जौनपुर के आलाधिकारियों से भी जुड़े हुए हैं। इन्हीं सब सत्ताधारियों और प्रशासन की मदद से न्यालायय के समक्ष विचारधीन गरीब आदमी के जमीनों की अवैध रूप खरीद बिक्री करते हैं और रजिस्ट्री किसी दूसरे के नाम से किया जाता है ताकि ये सरकार और प्रशासन से बचे रहें। यही नहीं इनके हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि तालाब सहित अन्य सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर किराए पर दिया गया है तो कहीं पर साफ सुथरी छवि बनाने के लिए अवैध रूप से स्कूल संचालित किया जा रहा है। इनके हौसलों को बुलंद करने वाले कोई और नहीं बल्कि सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का सहयोग मिलता है जो ये सब अपनी जेब भरने के लिए मोटी रकम वसूलते हैं और स्थानीय पुलिस गौ माता की तरह इनके इशारों पर नाचती है। मुंगराबादशाहपुर पुलिस जब भू माफिया मुंगरा क्षेत्र में किसी भी विवादित भूमि पर कब्जा करने जाते हैं तो प्रशासन के साथ साथ पचास साठ गुंडे बदमाश वहां पहुँच जाते हैं और प्रशासन के साथ मिलकर गरीबों की जमीन पर कब्जा किया जाता है और उनके घर के सामानों को बहार निकाल दिया जाता है और जब परिवार का सदस्य द्वारा विरोध करने पर उन्हें अपशब्द कहे जाते हैं और धमकी देते हुए उनकी भूमि पर कब्जा कर लिया जाता है। मुंगराबादशाहपुर के भू माफ़ियाओं की ऊपर तक पहुँच के कारण कोई भी इनका डर के मारे विरोध नहीं करता है और जो करता है उसको भू माफिया के गुर्गे धमकी देने देने लगते हैं। मुंगराबादशाहपुर में भू माफ़ियाओं से यहां की जनता त्रस्त हो चुकी है और डर डर के जीवन बिताने को मजबूर हो जाते हैं। सवाल ये है कि जिला स्तर पर अभी तक इनके खिलाफ कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाएं गाएं। क्या जिला प्रशासन भी इनके इशारों पर नाचता है?या सत्ताधारियों के दबाव बनाने पर प्रशासन इनका सहयोग करता है? क्या सरकार अपने ही सत्ताधारियों पर कार्यवाही करने से कतरा रही है?अगर नहीं तो अब तक ठोस कदम क्यों नहीं उठाएं गाएं भू माफिया के खिलाफ?स्थानीय प्रशासन द्वारा भू माफिया को सहयोग कहां से मिलता है?आखिर क्यों भू माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं क्या भू माफ़ियाओं को सत्ताधारी नेताओं का सरंक्षण प्राप्त है जिसके कारण कार्यवाही नहीं किया जा रहा है?फ़िलहाल सत्यता तभी पता चलेगा जब भू माफिया के खिलाफ निष्पक्ष जांच किया जाएगा। अगर एक बार भी भू माफ़ियाओं के खिलाफ निष्पक्ष जांच किया गया तो कई सत्ताधारी नेताओं के पोल खुलेगा जिनके चेहरे जनता के सामने आ जाएगा,साथ ही समाजसेवा के आड़ लेकर साफ सुथरी छवि बनाने वाले नेताओं के भी असलियत का पता चल सकता है फ़िलहाल ये सब तब पता चलेगा जब निष्पक्ष जांच शुरू किया जाएगा।