प्रयागराज की रिपोर्ट
प्रयागराज:- प्रयागराज में जिला न्यायालय ने बच्चों के बीच हुए विवाद के दौरान मारपीट में महिला की मौत के मामले में निर्णय दिया है। कोर्ट ने आरोपित बुजुर्ग सुक्खू को 10 वर्ष की कैद व 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है।
अपर जिला जज राम किशोर शुक्ल ने अपर शासकीय अधिवक्ता गिरीश चंद्र तिवारी, हरि नारायण शुक्ल और आरोपित के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद फैसला सुनाया।
सोरांव थाना क्षेत्र में 2005 का है मामला : प्रयागराज के सोरांव थाना क्षेत्र के स्थित सेवइत गांव निवासी पीड़िता ने सात जुलाई 2005 को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि गांव के सुक्खू पासी और बबलू ने बच्चों के विवाद को लेकर घर पर चढ़कर आए। फिर लाठी डंडे सरिया से हमला किया। हमले में उसकी भाभी घायल हो गई और अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। आरोपित बबलू की मुकदमा विचारण के दौरान 2013 में मृत्यु हो गई थी।
मुकदमे की पैरवी पर गमछे से वकील का कसा गला, तीन पर केस : मुकदमे की पैरवी करने पर अधिवक्ता दिनेश कुमार द्विवेदी का गला गमछे से कसने और धमकी देने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने कर्नलगंज थाने में देवेंद्र उर्फ नीरज द्विवेदी, शैलेंद्र द्विवेदी और गोविंद प्रसाद द्विवेदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। घटना सीआरओ न्यायालय के सामने के सामने हुई थी।
वकील को धमकाया कि मुकदमे की पैरवी की तो जान से मार डालेंगे : जिला अदालत के अधिवक्ता दिनेश कुमार कपटुहा, करछना के रहने वाले हैं। उनका आरोप है कि 28 अप्रैल को देवेंद्र समेत अन्य ने सीआरओ कोर्ट के सामने रोक लिया। धमकाया कि अपने मुकदमे की पैरवी न करो, वरना जान से मार डालेंगे। विरोध करने पर गोविंद ने अधिवक्ता के गले में पड़े गमछे को जान से मारने की नीयत से कस दिया।
जबकि देवेंद्र व शैलेंद्र ने उन्हें जमीन पर गिराकर लात-घूंसों से पिटाई की। यह देख साथी अधिवक्ता आ गए तो आरेापित धमकी देते हुए भाग निकले।
इंस्पेक्टर कर्नलगंज विश्वजीत सिंह का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा कायम कर जांच की जा रही है।