
RSS से दलित-OBC को अलग करने की थी साजिश, PFI का भी जिक्र
बिहार : पटना पुलिस ने आतंकियों के जिस नेटवर्क का खुलासा किया है, उसके निशाने पर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं, पूरे देश की व्यवस्था भी थी. भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की साजिश के लिए इन लोगों ने 7 पेज का एक्शन प्लान बनाया था, जिसमें लिखा था- 10% मुस्लिम साथ दें तो बहुसंख्यक घुटनों पर आ जाएंगे. इनकी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दलित-OBC को अलग करने की भी थी।
पुलिस के अनुसार सिमी के पूर्व सदस्यों के सहारे ये नया संगठन बन रहा था. इसमें PFI और SDPI से जुड़े लोग शामिल थे. यह नेटवर्क भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए ‘मिशन 2047’ के एजेंडे पर काम कर रहा था. इसके लिए नेटवर्क ने अपना ठिकाना पटना को बनाया. यहां 26 लोग आकर युवाओं को ट्रेनिंग देते थे. इन संदिग्ध आतंकियों के पास से इंग्लिश में लिखे 7 पन्नों का दस्तावेज मिला है, जिसके पन्नों में कई जगह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का जिक्र है।
पहला पन्ना कवर इमेज की तरह है, जिसका टाइटल India 2047 है. साथ ही इसे इंटरनल दस्तावेज बताते हुए लिखा है- भारत में इस्लामिक शासन की ओर. पुलिस को मिले डॉक्यूमेंट के दूसरे पन्ने में देश के मुस्लिमों को गुमराह करने के लिए मुस्लिमों की स्थिति बदतर बताई गई है. मुस्लिम समुदाय की वर्तमान स्थिति बताते हुए डॉक्यूमेंट में PFI ने 9 जिलों में 75% मुस्लिम आबादी की बात कहा है. लिखा है, देश में इन 9 जिलों को छोड़कर मुस्लिमों की स्थिति बदतर है।
जब हम कारण को देखेंगे तो हमें ब्रिटिश राज से शुरू करना होगा. शुरू से वे हिंदुओं से सहानुभूति रखते थे और मुस्लिमों को प्रताड़ित करते थे. भारत के मुस्लिम समुदाय को दुनिया में दूसरे सबसे बड़े समुदाय बताया गया है. यह भी कहा गया है कि इस वजह से इस समुदाय पर मुस्लिम विरोधी ताकतों के हमले के खिलाफ दुनिया को एक सफल मॉडल प्रदान करने की भारी जिम्मेदारी है. डॉक्यूमेंट में आगे लिखा है, हालांकि निचले स्तर पर कई स्व-घोषित नेता हैं, लेकिन समुदाय को मोहल्ला से ऊपर दिशा देने की किसी के पास दृष्टि नहीं है. दुनिया भारतीय मुसलमानों को एक मॉडल के रूप में देखती है. मुस्लिम समुदाय किसी चमत्कार के होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. समुदाय को बचाने के लिए भीतर से नेतृत्व को उभरना होगा।
तीसरे पन्ने में भारत को 2047 तक मुस्लिम समुदाय की मदद से इस्लामिक सरकार बनाने के सपने को लिखा गया है. लिखा है, हम 2047 का सपना देख रहे हैं जहां मुस्लिम समुदाय के पास राजनीतिक सत्ता होगी. इसके लिए पहला कदम मुस्लिम समुदाय सामाजिक और आर्थिक तौर पर मजबूत करना होगा।
इसके लिए एक अलग से रोडमैप इम्पावर इंडिया फाउंडेशन के तहत शुरू हो चुका है. इससे राजनीतिक ताकत बढ़ेगी और फिर मुस्लिम समुदाय के अन्य लोगों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी और फिर राजनीतिक ताकत अधिक मजबूत होगी।
हम अपने आप को 2047 तक का समय देते हैं, जब इस देश में इस्लामिक सरकार बनेगी. आगे दस्तावेज में लिखा है, मुस्लिम हमेशा से अल्पसंख्यक रहे हैं और जीत के लिए बहुसंख्यक होने की आवश्यकता नहीं है. PFI को उम्मीद है कि कम से कम 10% मुस्लिम भी उसके साथ आ जाएं तो वह कायर बहुसंख्यक समुदाय को उनके घुटनों के बल ला देगा. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए PFI के हर लीडर के पास प्लान है और उसी के अनुसार कैडर को गाइड किया जाता है. मुस्लिम युवाओं को हमेशा यह बताया जाना चाहिए वे ‘दीन’ के लिए काम कर रहे हैं. किसी भी तरह इस्लामिक शासन एस्टेब्लिश करना ही है।
चौथे पन्ने में इस्लामी शासन की ओर बढ़ने के चार चरणों को बताया गया है. पहला PFI के झंडे के तले सभी को एक करने की बात कही गई है. पार्टी को बड़ा करने और अधिक से अधिक नए मेंबर को भर्ती करने का लक्ष्य भी लिखा है।
पहला चरण: मुसलमानों को एकजुट करें. तलवार, रॉड और कई तरह के हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण दें।
दूसरा चरण: अपने नैरेटिव को मजबूत करने के लिए PFI के नेतृत्व में मोबिलाइजेशन करना होगा. यही नहीं हिंसा का सिलेक्टिविली इस्तेमाल अपनी ताकत दिखाने और विपक्षी (बहुसंख्यक) को टेरराइज करने के लिए करना होगा. कैडर में जो अच्छा करेंगे उन्हें फायर आर्म्स और एक्सप्लोसिव की भी ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही इस्लामी शासन स्थापित करने के इरादे को छुपाने के लिए राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और आंबेडकर का इस्तेमाल करने की बात कही गई. यही नहीं एग्जीक्यूटिव और जुडिशियरी में भी इनफिल्ट्रेट कर अधिक से अधिक जानकारी जुटाने की बात लिखी है।
तीसरा चरण : चुनाव जीतने के लिए SC/ST/OBC के साथ गठजोड़ करें. राजनीतिक जीत से अपने संगठन को मजबूत करें. साथ ही RSS और SC/ST/OBC के बीच दरार पैदा करें. उन्हें सिर्फ अपर कास्ट हिंदुओं के पक्षधर के रूप में दिखाएं. सेक्युलर पार्टियों को भी डिसक्रेडिट करना होगा और मुस्लिमों के साथ SC/ST/OBC का अपना पार्टी बनाना होगा. इसी स्टेज में हथियार और गोला बारूद के स्टॉक भी बढ़ाने की बात लिखी गई है.
चौथा चरण: डॉक्यूमेंट लिखा है- इस स्टेज में PFI अपने आप को मुस्लिमों का निर्विवाद रूप से एकमात्र संगठन के रूप में पेश करेगा. अन्य इस्लामिक संगठनों को साइड लाइन किया जाएगा. साथ ही 50 प्रतिशत SC/ST/OBC का भी विश्वास हासिल करेगा और उनका प्रतिनिधि बनेगा. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता हासिल करना आसान होगा. एक बार सत्ता में आ गए तो एग्जीक्यूटिव, जुडीशियरी, पुलिस और आर्मी में अपने वफादारों को बैठा दिया जाएगा.
पांचवे पन्ने में लिखा है कि कैसे सभी 4 चरणों के पूरा होने के बाद, बाहरी ताकतों की मदद से इस्लामी सिद्धांतों पर आधारित एक नया संविधान घोषित किया जाएगा. लिखा है- जो भी खिलाफ होंगे उन्हें एलिमिनेट कर दिया जाएगा. मुस्लिम युवाओं में कट्टरपंथ बढ़ाने के लिए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुई मुस्लिमों की लिंचिंग का इस्तेमाल करें. इसके लिए मास प्राथमिकता होनी चाहिए.
छठे पन्ने में PFI ने हर घर अपनी पहुंच बढ़ाने की बात की है. लिखा है- हर घर से एक व्यक्ति को संगठन में भर्ती किया जाएगा, नहीं कर पाए तो एक को पार्टी में शामिल करना या फिर उन्हें अपने मैगजीन या आर्टिकल का पाठक बनाना यानी हर घर को किसी भी तरीके से अपने टच में रखना है और PFI के प्रोग्राम से उन्हें जोड़ना होगा. इसके साथ ही योग सत्र और स्वस्थ लोग स्वस्थ राष्ट्र अभियान की आड़ में PFI अपने काम करता रहेगा और जमीनी स्तर पर PE के क्लास का आयोजन जारी रहेगा. इसके लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में जमीनों का अधिग्रहण करना होगा.
सातवें में हिंदू/संघ परिवार के नेताओं के खिलाफ सूचना का संग्रह के साथ बाहरी मदद की बात कही गई है. साथ ही ऑफिस का लोकेशन भी डेटाबेस में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें ट्रैक किया जा सके. डॉक्युमेंट में लिखा है, स्टेट के साथ शोडाउन में कैडर के अलावा फ्रेंडली इस्लामिक देशों के मदद की आवश्यकता पड़ेगी. PFI ने तुर्की के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित किए हैं. कुछ अन्य इस्लामी देशों में विश्वसनीय मित्रता विकसित करने के प्रयास जारी है.