वाराणसी से ऋषि देव उपाध्याय की रिपोर्ट
वाराणसी, – सेना में भर्ती के लिये शुरू की गयी केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में वाराणसी जिले में हुए उपद्रव के दौरान लगभग 13 लाख रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया गया है।
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि अग्निपथ योजना के खिलाफ हुए आंदोलन के नाम पर किये गये उपद्रव के मामलों में पकड़े गए उपद्रवियों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बीते दिनों वाराणसी में उपद्रवी तत्वों ने 36 बसों को नुकसान पहुंचाया। इससे 12,97,439 रुपए की क्षति होने का आंकलन किया गया है। इन मामलों में अब तक कुल 27 उपद्रवियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और कुछ अन्य लोग चिन्हित किये गये हैं। इनकी भी गिरफ्तारी हो रही है। पकड़े गये उपद्रवी तत्वों से क्षतिपूर्ति के लिये वसूली की जायेगी।
शर्मा ने बताया कि वाराणसी में पकड़े गये उपद्रवी तत्वों में गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़ और मऊ जिले के निवासी भी शामिल हैं। जिलाधिकारी ने नौजवानों से किसी के बहकावे में न आने और ऐसे किसी भी अराजक कार्य में लिप्त न होने की अपील की है, जिससे उनका भविष्य खराब हो जाये।
जिलाधिकारी शर्मा ने सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई का दावा प्रस्ताव तैयार करा कर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिए गठित दावा प्राधिकरण प्रयागराज को भेज दिया है। इसमें 27 व्यक्तियों के नाम और सभी फ़ोटो, वीडियो साक्ष्य सहित दिये गये हैं। उन्होंन कहा कि 17 जून की घटना में जिन और व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आएगी, उंसके अनुसार वसूली हेतु नामों को दावा प्राधिकरण के समक्ष भेजा जायेगा। ऐसे व्यक्तियों की सूचना वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी कर्मचारियों और गुप्त सूत्रों से और अन्य जनपदों के अधिकारियों से जुटाई जा रही हैं।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध में हुए उपद्रव के दौरान वाराणसी में फंसे दक्षिण भारतीय लोगों की सुरक्षित घर वापसी के लिये 20 जून को विशेष ट्रेन रात आठ बजे रवाना होगी।
शर्मा ने बताया कि 17 जून को हुए उपद्रव के दौरान कर्नाटक के जिला मांड्या के 40 लोग वाराणसी में फंसे हुये थे। इन सभी लोगों को 17 जून को पं दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से संघमित्रा एक्सप्रेस द्वारा कर्नाटक स्थित अपने-अपने जनपद को जाना था, परन्तु उपद्रव के कारण उक्त ट्रेन निरस्त हो जाने के कारण ये लोग वाराणसी एवं चंदौली में फंसे रह गये।
इस सम्बन्ध में कर्नाटक सरकार के राहत आयुक्त एवं मंड्या के जिलाधिकारी ने शर्मा को ई-मेल द्वारा इन फंसे हुए दक्षिण भारतीयों को इनके अपने घरों तक पहुंचाने का अनुरोध किया। इस बीच केन्द्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी के कार्यालय से भी सूचना प्राप्त हुई कि बहुत से दक्षिण भारतीय श्रद्धालु वाराणसी में ट्रेन निरस्त होने से फंस गए हैं।
जिलाधिकारी शर्मा ने तत्काल इन सभी दक्षिण भारतीयों को उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था हेतु कार्यवाही प्रारम्भ की गयी। इसके लिये रेल महकमे से समन्वय कर 20 जून को रात आठ बजे विशेष ट्रेन से इन लोगाें को गंतव्य तक रवाना किया जायेगा। उन्होंने बताया कि वाराणसी में मौजूद दक्षिण भारतीय यात्रियों को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि वाराणसी में फंसे सभी दक्षिण भारतीय यात्रियों के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अन्न क्षेत्र ने भोजन की निशुल्क व्यवस्था करने की जिम्मेदारी ली है। मंडलायुक्त वाराणसी के द्वारा दिये गए निर्देश के अनुसार निरस्त ट्रेनों के यात्री अन्नक्षेत्र में जा कर निशुल्क भोजन कर सकते हैं।